उत्तराखंड

गोसदनों में सप्ताह में दो बार पशुओं का हेड काउंट अनिवार्य रूप से कराया जाए- डीएम

देहरादून में गोसदनों की व्यवस्था होगी और मजबूत

देहरादून। जनपद में निराश्रित और बेसहारा गोवंश के संरक्षण हेतु जिला प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें गोवंश के भरण-पोषण, चिकित्सा और निगरानी व्यवस्था को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए।

डीएम ने निर्देश दिए कि गोसदनों में सप्ताह में दो बार पशुओं का हेड काउंट अनिवार्य रूप से कराया जाए, जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय पशु चिकित्सकों की होगी। पशु कल्याण बोर्ड द्वारा गोसदनों का रैंडम निरीक्षण भी किया जाएगा।

कालसी ब्लॉक के खेरूवा में 150 पशु क्षमता वाले गोसदन के संचालन हेतु 49.98 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा छरबा में 22 लाख और प्रेमनगर (आरकेडिया ग्रांट) में 27.03 लाख रुपये के प्रस्तावों को पूर्व में ही मंजूरी मिल चुकी है।

डीएम ने यह भी निर्देश दिए कि गोसदनों में पशुओं की नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और उचित उपचार सुनिश्चित किया जाए। साथ ही पशुओं को संतुलित आहार, स्वच्छ पानी और साफ-सुथरी रहने की व्यवस्था भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो।

नगर निगम देहरादून द्वारा पंजीकृत गौसदनों में गोवंश टैगिंग पूरी न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि सभी पशुओं की शत-प्रतिशत टैगिंग कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश जोशी ने अवगत कराया कि जनपद में वर्तमान में 10 पंजीकृत गोसदन कार्यरत हैं—सहसपुर में 4, विकासनगर व डोईवाला में 2-2 और चकराता व धर्मपुर में 1-1।

पशु कल्याण बोर्ड की उप निदेशक डॉ. उर्वशी ने जानकारी दी कि गोसदनों की दैनिक मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष ऐप तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उप नगर आयुक्त संतोष कुमार पांडे, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश जोशी, पशु कल्याण बोर्ड की उप निदेशक डॉ. उर्वशी सहित अनुश्रवण समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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