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नेपाल के बीरगंज में हैजा का कहर, तीन की मौत, सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती

बीरगंज अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की दी चेतावनी

बीरगंज। नेपाल के बीरगंज जिले में हैजा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले हफ्ते से जिले में दर्ज किए गए मामलों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक लोग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। बीरगंज जिला सीमावर्ती और लंबे समय से सूखे की समस्या से जूझ रहा है, जिसे हैजा फैलने का मुख्य कारण माना जा रहा है।

मानसून में बढ़ती हैं बीमारियां
नारायणी अस्पताल के डॉक्टर उदय नारायण सिंह के अनुसार, बीते शुक्रवार से हैजा के मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। अधिकांश मरीज डायरिया की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे हैं, जिनमें कई कोलेरा संक्रमण से प्रभावित पाए गए हैं। नारायणी अस्पताल में विशेष वार्ड केवल हैजा के मरीजों के लिए बनाए गए हैं। नेपाल में मानसून के दौरान पानी और भोजन से फैलने वाली बीमारियों में हैजा सबसे गंभीर है। हर साल हजारों लोग इससे प्रभावित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी हैजा को एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट मानता है।

हैजा की गंभीरता
हैजा एक तीव्र संक्रमणकारी बीमारी है, जो उल्टी और दस्त के कारण शरीर में गंभीर जल की कमी पैदा कर सकती है। अगर तुरंत इलाज न मिले, तो मरीज की स्थिति घातक हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बीरगंज में फैली यह बीमारी 2009 में नेपाल के जाजरकोट जिले में हुई हैजा जैसी ही गंभीर स्थिति की याद दिलाती है, जब कई लोगों की मौत हुई थी।

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