
कांग्रेस की CWC बैठक को भाजपा ने बताया चुनावी स्टंट
नई दिल्ली। बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी बीच बुधवार को कांग्रेस की पहली बार हुई कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक ने सियासी गर्माहट बढ़ा दी है। भाजपा ने इस बैठक पर हमला बोलते हुए इसे महज चुनावी स्टंट बताया और कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए।
भाजपा का आरोप:
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह बैठक कांग्रेस की सोची-समझी चाल है, जिससे वह महागठबंधन में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। मालवीय ने इसे तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के सपने का अंत बताते हुए कहा कि कांग्रेस अब राजद पर निर्भर नहीं रहना चाहती।
महागठबंधन में संदेश:
मालवीय ने कहा कि इस बैठक में वही नेता शामिल हुए हैं जिन्होंने पहले बिहार और बिहार की जनता का अपमान किया। उनका कहना है कि महागठबंधन के भीतर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने पर अब सहमति नहीं बन रही।
कांग्रेस-राजद में बढ़ती दूरी:
भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी का बिहार में बढ़ता सक्रियता दिखाता है कि कांग्रेस अब खुद को एक मजबूत ताकत के रूप में पेश करना चाहती है और राजद पर निर्भर नहीं रहना चाहती। मालवीय ने कहा कि चुनाव से पहले ही दोनों दलों की राहें अलग हो सकती हैं।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया:
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस बिहार में अपनी जमीन खो चुकी है और उसके पास न नेता हैं न कार्यकर्ता। डॉ. बूरा नरसैया गौड़ ने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोप को सिर्फ बहाना बताया और भाजपा की जीत की उम्मीद जताई।
पटना बैठक पर रविशंकर प्रसाद का तंज:
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को बिहार की याद 85 साल बाद आई है। उनका कहना है कि यह बैठक सिर्फ राजनीतिक फायदा और आगामी चुनावों के लिए है, जनता की भलाई के लिए नहीं।