उत्तराखंड

जनता दर्शन में डीएम सविन बंसल ने सुनी 151 शिकायतें, अधिकांश का मौके पर ही किया समाधान

सीमांत गांवों में जल्द लगेंगे बीएसएनएल टावर, नेटवर्क समस्या होगी खत्म

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में दूर-दराज से आए लोगों की समस्याएं सुनीं। भूमि विवाद, घरेलू हिंसा, निजी भूमि पर कब्जा, बाढ़ सुरक्षा, दैवीय आपदा में क्षतिपूर्ति, आर्थिक सहायता आदि से जुड़ी 151 शिकायतों में से अधिकांश का मौके पर ही समाधान किया गया।

75 वर्षीय बुजुर्ग राकेश तलवाड़ ने अपनी भूमि पर कब्जा और सीमांकन कराने के बाद डीएम को आशीर्वाद दिया। अधोईवाला निवासी सुशीला देवी की निजी भूमि पर मोबाइल टावर अनुबंध समाप्त होने और किराया डिफॉल्ट होने के बावजूद हटाया नहीं गया था। उनकी शिकायत पर जिलाधिकारी ने तुरंत टावर सीज करने के आदेश दिए। इसी दौरान दिव्यकांत लखेडा के खिलाफ गुंडा एक्ट में फास्ट ट्रैक केस दर्ज कराया गया। दोषी पाए जाने पर जिला बदर की कार्यवाही होगी।

बुड्डी गांव निवासी बाबूलाल की आठ माह की वृद्धावस्था पेंशन रुकी हुई थी। डीएम ने समाज कल्याण विभाग को एरियर सहित भुगतान के निर्देश दिए। सीमांत क्षेत्र कथियान के 15 गांवों में नेटवर्क समस्या को दूर करने के लिए बीएसएनएल टावर लगाने की कवायद शुरू की गई।

बीमार रीतू को कोरोनेशन अस्पताल में निःशुल्क भर्ती कर इलाज की व्यवस्था की गई। फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित सुनील को राइफल क्लब फंड से आर्थिक सहायता मिली। 83 वर्षीय बुजुर्ग मुन्ना लाल और अन्य असहायों को भरण-पोषण और शिक्षा सहायता सुनिश्चित करने के लिए डीएम ने तत्काल प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

62 वर्षीय डेन्डो देवी का आधार कार्ड बनवाने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को कार्यवाही का निर्देश दिया गया।

जनता दरबार में भूमि सीमांकन, रजिस्ट्री, अवैध कब्जा हटवाने, दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त संपत्ति की मुआवजा राशि, सड़क और सुरक्षा दीवार निर्माण, परिवहन सेवा की बहाली समेत अन्य शिकायतों का भी त्वरित निस्तारण किया गया।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी (एफआर) केके मिश्रा, एसडीएमए स्मृता परमार, एसडीएम कुमकुम जोशी, एसडीमए विनोद कुमार, उप नगर आयुक्त संतोष कुमार पांडेय, डीडीओ सुनील कुमार, तहसीलदार सुरेंद्र सिंह, विवेक राजौरी, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

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