खेल

ऑस्ट्रेलियन ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट- लक्ष्य सेन ने आयुष शेट्टी को हराकर सेमीफाइनल में बनाई जगह

पहले गेम में कड़ा संघर्ष, दूसरे में दबदबा—लक्ष्य सेन की शानदार लय

नई दिल्ली। सिडनी में चल रहे ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारत के उभरते स्टार लक्ष्य सेन ने दमदार प्रदर्शन करते हुए पुरुष सिंगल्स के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने अपने साथी भारतीय खिलाड़ी आयुष शेट्टी को सीधे सेटों में मात देकर इस सत्र की सबसे प्रभावशाली जीतों में से एक दर्ज की। 23-21, 21-11 के अंतर से मिली इस जीत ने लक्ष्य के आत्मविश्वास को नई मजबूती दी है, खासकर ऐसे समय में जबकि वे अब तक इस सीजन में कोई खिताब नहीं जीत पाए थे।

रोमांच से भरा पहला गेम
क्वार्टर फाइनल का पहला गेम दोनों भारतीय खिलाड़ियों के बीच जोरदार मुकाबला साबित हुआ। शुरुआत में शेट्टी ने तेजी से अंक जुटाकर 9-6 की बढ़त बना ली, लेकिन लक्ष्य सेन ने रैलियों में अपनी क्लीन स्ट्राइक और नियंत्रण दिखाते हुए मैच की दिशा पलट दी। लगातार चार अंक बटोरकर उन्होंने बढ़त हासिल की, जिसके बाद दोनों खिलाड़ी 21-21 पर बराबरी तक पहुंचे। निर्णायक पलों में लक्ष्य ने बेहतर संयम का प्रदर्शन किया और गेम 23-21 से जीत लिया।

दूसरे गेम में लक्ष्य का एकतरफा खेल
दूसरे गेम में लक्ष्य की पूरी लय नजर आई। तेज शुरुआत करते हुए उन्होंने 6-1 की बढ़त बनाई और शेट्टी को मैच में वापसी का कोई मौका नहीं दिया। स्कोर 15-7 होने के बाद मुकाबला लगभग लक्ष्य के पक्ष में तय हो गया और उन्होंने 21-11 से गेम जीतकर सेमीफाइनल का टिकट पक्का कर लिया।

अब बड़ी चुनौती: चोउ तियेन चेन से भिड़ंत
सेमीफाइनल में लक्ष्य सेन का सामना टूर्नामेंट के दूसरे वरीय चीनी ताइपे के चोउ तियेन चेन से होगा, जो विश्व रैंकिंग में 9वें स्थान पर हैं। चेन ने अपने क्वार्टर फाइनल में फरहान अल्वी को तीन गेम के संघर्षपूर्ण सेटों में हराया था। यह मुकाबला लक्ष्य के लिए सत्र का सबसे चुनौतीपूर्ण मैच माना जा रहा है।

अन्य भारतीयों का हाल
इस दौर में पुरुष सिंगल्स में लक्ष्य ही एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बचे हैं, जबकि एचएस प्रणय और किदांबी श्रीकांत पहले ही बाहर हो चुके हैं। पुरुष डबल्स में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की शीर्ष वरीय भारतीय जोड़ी क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की फजर अल्फियान–मोहम्मद फिक्रि जोड़ी से भिड़ेगी। यह मुकाबला भी कड़े संघर्ष वाला माना जा रहा है।

Related Articles

Back to top button