फोकस करने बैठते ही आने लगती है नींद? हो सकता है यह आलस नहीं, शरीर में पोषक तत्वों की कमी का हो संकेत

कई बार ऐसा होता है कि जैसे ही हम किसी जरूरी काम पर ध्यान केंद्रित करने बैठते हैं — खासकर पढ़ाई या ऑफिस के काम के दौरान — अचानक आलस और नींद हावी होने लगती है। कुछ देर तक फोकस बनाए रखना मुश्किल हो जाता है, आंखें भारी हो जाती हैं और दिमाग सुस्त पड़ जाता है। अगर यह समस्या कभी-कभार हो तो चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर यह स्थिति रोजाना बनी रहती है, तो यह केवल आलस नहीं बल्कि शरीर के भीतर किसी कमी का संकेत हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार नींद और थकान महसूस होना अक्सर आयरन या विटामिन डी की कमी (Deficiency) से जुड़ा होता है। जब शरीर में ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं होते, तो एनर्जी लेवल गिर जाता है और दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। इसके परिणामस्वरूप ब्रेन फॉग, ध्यान भटकना और बार-बार नींद आना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
जब शरीर में आयरन की मात्रा कम हो जाती है, तो लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण घट जाता है। इससे दिमाग और शरीर के अन्य हिस्सों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति थका हुआ और नींद से भरा महसूस करता है। इसी तरह विटामिन डी की कमी भी शरीर की ऊर्जा और मूड दोनों को प्रभावित करती है, जिससे दिनभर सुस्ती और काम में अरुचि बनी रहती है।
अनियमित नींद और डाइट भी बड़ा कारण
थकान और नींद की समस्या केवल पोषक तत्वों की कमी से ही नहीं, बल्कि गलत दिनचर्या से भी बढ़ती है।
यदि आप रोजाना पूरी नींद (7–8 घंटे) नहीं लेते या देर रात भारी भोजन करते हैं, तो अगले दिन फोकस करना स्वाभाविक रूप से मुश्किल होता है।
इसके अलावा, ज्यादा चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन शरीर में अचानक एनर्जी का उछाल लाता है, जिसके बाद एनर्जी तेजी से गिरती है और नींद हावी हो जाती है।
इन उपायों से करें शुरुआत
हर 45–50 मिनट के अध्ययन या काम के बाद 5 मिनट का ब्रेक जरूर लें।
कमरे को हवादार और रोशनी से भरपूर रखें।
डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दालें, अंडे और नट्स शामिल करें।
कैफीन पर निर्भर रहने के बजाय पर्याप्त पानी पिएं और नींद का रूटीन ठीक रखें।
अगर समस्या बनी रहे तो ब्लड टेस्ट कराकर आयरन, विटामिन डी और बी12 का स्तर जांचें।
कब लें विशेषज्ञ की सलाह
यदि पर्याप्त नींद और संतुलित आहार के बाद भी थकान और नींद की समस्या खत्म नहीं होती, तो यह किसी क्रोनिक बीमारी जैसे हाइपोथायरायडिज्म या एनीमिया का संकेत हो सकती है।
इसलिए देर न करें — डॉक्टर या डायटिशियन से परामर्श लेकर सही जांच और उपचार करवाएं। सही समय पर ध्यान देने से न केवल फोकस बढ़ेगा, बल्कि आपकी सेहत और कार्यक्षमता दोनों में सुधार होगा।
(साभार)